सर्दियों में स्वस्थ रहने के उपाय


सर्दियों में स्वस्थ रहने के उपाय - आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में बिस्तर छोड़कर उपासना करना चाहिए। महर्षि वाग्भट्ट के अनुसार शरद में जल अमृत के समान हो जाता है। मल मूत्र त्याग आदि आवश्यक कार्यों से निवृत्त होकर व्यायाम करना चाहिए। प्रातःकाल का भ्रमण स्वास्थ्यवर्धक है। व्यायाम के पश्चात तेल मालिश करना चाहिए। जाड़े में नहाने के लिए गर्म जल का उपयोग करना चाहिए। 


आयुर्वेद की जड़ी बूटियों का वाष्प स्नान बहोत फायदेमंद रहता है। जो हमेशा नहाने में ठंडे पानी का उपयोग करते हैं, वो सर्दियों में भी ठंडे पानी से ही स्नान करना चाहिए। 


जाड़ों में रात बड़ी होने के कारण सुबह जल्दी ही भूख लग जाती है। सुबह का नास्ता तंदुरूस्ती के लिए ज्यादा फायदेमंद है। नमस्ते में हलवा, शुद्ध घी की जलेबी, लड्डू, सूखे मेवे, दूध आदि पौष्टिक एवं गरिष्ठ पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

चीनी की अपेक्षा गुड़ सर्दियों में अधिक गुणकारी होता है। शहद का उपयोग भी स्वास्थ्य वर्धक होता है। जाड़े में उष्णता के लिए शुद्ध घी का सेवन करना चाहिए। मूंग, तुवर, उड़द की दालों का उपयोग अच्छा रहता है। दाल छिलके वाली और बिना पॉलिस की होनी चाहिए।
सूखे मेवे का सेवन भी लाभदायक रहता है। इन्हें उबालना नहीं चाहिए। मेवों की मिठाई गरिष्ठ एवं हानिकारक होती है, जबकि सभी मेवे स्वादिष्ट, रूचिकर, तृप्तिकर होते हैं। सर्दी में बादाम, पिस्ता, काजू, छुहारे, अंजीर, केशर का उपयोग करना चाहिए 
सर्दी में जुकाम और इन्फलुएंजा की शिकायत होना आम बात है। एसी हालत में दालचीनी का तेल मिश्री के साथ थोड़ा खाने से तथा रुमाल में कुछ बूंद डालकर सूंघने से राहत मिलती है। नए जुकाम में दालचीनी के छाल के चूर्ण को गरम चाय से लेने से विशेष लाभ होता है।


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